दिग्गज पत्रकार,लेखक,मानवाधिकार कार्यकर्ता और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नैयर का 95 वर्ष की आयु में दिल्ली में देहांत होगया।
आपातकाल के दौरान 1975 में उन्हें आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में रखा गया था।
पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए उन्हें 2015 में रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता पुरस्कार ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया था।
नायर ने 1990 में ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी कार्य किया था।
कुलदीप नायर फोटो ट्विटर से साभार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिग्गज पत्रकार और राज्यसभा के पूर्व सदस्य कुलदीप नैयर के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कुलदीप नैयर हमारे समय के एक बौद्धिक दिग्गज थे।
विचारों में स्पष्टता और निडरता के साथ उनके काम का दायरा कई दशकों तक विस्तृत रहा।
आपातकाल के खिलाफ उनका एक मजबूत पक्ष, जन सेवा और बेहतर भारत के लिए उनकी प्रतिबद्धता हमेशा याद की जाएगी। उनके अचानक निधन पर मेरी संवेदना।’
इंडियन एक्सप्रेस के पूर्व संपादक नायर, “किताबों से परे”, “नेहरू के बाद भारत” और “आपातकालीन रीटॉल्ड” सहित 15 किताबों के लेखक भी थे।
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