उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भीड़-भाड़ (congestion) तथा यातायात जाम ( traffic jam ) को देश के शहरों की बड़ी चुनौती (big challenge) बताते हुए कहा कि हर साल सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे वायु गुणवत्ता खराब हो रही और लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है।
उन्होंने पर्यावरण तथा आर्थिक और व्यावहारिक रूप से अनुकूल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली (Public transport system) को समय की आवश्यकता बताया है।
कर्नाटक में 02 फरवरी, 2020 को हुबली-धारवाड़ बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) परियोजना का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इसके पहले की पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो जाए ग्रीन हाउस गैसों (Greenhouse gases) और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन (Emission) को नियंत्रित करने की तत्काल आवश्यकता है।
उन्होंने निजी वाहनों का उपयोग करने के बजाय बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन (Public transport ) का इस्तेमाल करने के लिए शहरी लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के कदम उठाए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने शहरी निकायों के अधिकारियों से कहा कि वे परिवर्तन की इस प्रक्रिया में लोगों को सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों पर एक साथ समान ध्यान नहीं दिया गया लेकिन आज समय आ गया है कि विकास से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों में आगे से इस का ध्यान रखा जाए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक ऊर्जा मांग में शहरों का दो-तिहाई और कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत हिस्सा है। उपराष्ट्रपति ने कम कार्बन उत्सर्जन तथा पर्यावरण के अनुकूल शहरी बुनियादी ढ़ांचे के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
गुणवत्ता की कीमत पर विकास नहीं किए जाने पर जोर देते हुए नायडू ने कहा कि वायु की खराब गुणवत्ता, पीने योग्य पानी की अपर्याप्त आपूर्ति, स्वच्छता का अभाव, अपर्याप्त ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा सीमित सार्वजनिक परिवहन (Public transport ) अवसंरचना भारत के लगभग सभी शहरों की मुख्य समस्या है। इनका तत्काल समाधान होना चाहिए।
इस संदर्भ में, उपराष्ट्रपति ने सरकार से गैर-प्रदूषणकारी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की नीति को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि ई-वाहनों के लिए जरूरी अवसंरचनाएं विकसित की जानी चाहिए।
नायडू ने सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर बल देते हुए कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है।
उन्होंने सड़क सुरक्षा के बारे में विशेष रूप से युवाओं को जागरुक बनाने पर जोर दिया और सतत शहरी विकास के लिए निजी क्षेत्र और राज्यों तथा केंद्र के बीच सहयोग को जरूरी बताया।
हुबली-धारवाड़ बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) पहले से ही अपने ट्रायल रन में दोनों शहरों के बीच एक लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा दे रही है।
परियोजना के उद्घाटन अवसर पर केन्द्रीय संसदीय मामलों, कोयल और खान मंत्री प्रहलाद जोशी, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री, लक्ष्मण सावदी, उप मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री, गोविंद एम. करजोल, कर्नाटक के गृह मंत्री, बसवराजबोम्मई सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे।
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