शिमला, 27 मई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को शिमला के रिज मैदान पर मंडी जिला की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से आयोजित ‘मेस्मराजिंग मंडी’ उत्सव का पारम्परिक ‘जलेब’ से उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा जिला प्रशासन मंडी के संयुक्त तत्वावधान में मंडी जिला की संस्कृति, रीति-रिवाजों, खान-पान और परम्पराओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए किया गया।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह हमेशा अपनी प्राचीन परम्पराओं भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण पर बल देते रहे हैं, क्योंकि हमारी पहचान हमारे रीति-रिवाजों और परम्पराओं से ही है। जो सभ्यताएं अपनी विरासत को बनाए रखने में नाकाम रही हैं, वे समय के साथ विलीन हो जाती हैं।
इस अवसर पर सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसका मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से दर्शकों को मंडी जिला की संस्कृति के दर्शन होंगे, जिसमें विभिन्न स्टालों में परम्परागत बर्तन व पुरातन काल के वाद्य यंत्र प्रदर्शित किए गए तथा मंडी जिला के खान-पान से जुड़े स्टाल भी लगाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस तरह का आयोजन प्रत्येक जिला की संस्कृति के प्रोत्साहन के लिए चरणबद्ध तरीके से आयोजित किया जाएगा ताकि सभी जिलों के इतिहास परम्पराओं, रीति-रिवाजों से आम आदमी के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी परिचित हो सके। इन आयोजनों में सम्बन्धित जिलों के इतिहास, संस्कृति, लोक परम्पराओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
इससे पूर्व उन्होंने देव माहुनाग और बाला कामेश्वर देवता को भी शीश नवाया, जिन्हें ‘छोटी काशी’ कहलाने वाले मंडी से विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर मंडी के मांडव कला मंच के कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृति प्रस्तुति भी दी।
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