हरियाणा में पानी की बेहद कमी है। जमीन में पानी 1500 फुट नीचे चला गया है। ज्यादातर इलाके डार्क जोन में हैं।
यह बात आधिकारिक रूप से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुद्धवार को चंडीगढ़ में कही।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में भूजल स्तर 1500 फुट तक जा चुका है जबकि पंजाब का भूजल स्तर 200 से 250 फुट तक हैं। इसी प्रकार हरियाणा का ज्यादातर क्षेत्र पंजाब के मुकाबले डार्क जोन में है और हरियाणा को पानी की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को भी पाकिस्तान में जा रहे व्यर्थ पानी के प्रबंधन के लिए अनुरोध किया था जिससे दोनों राज्यों पंजाब एवं हरियाणा के साथ.साथ दिल्ली व राजस्थान को भी अतिरिक्त पानी मिल सकता है। इसलिए उस पानी को रोककर हरियाणा और पंजाब में प्रयोग किया जा सकता है और इसके लिए बांध या जलाशय बनाए जा सकते हैं।
फाइल फोटो: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल
मुख्यमंत्री ने यह बात बुद्धवार को चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान ट्राई.सिटी अर्थात पंचकूला.चण्डीगढ. एसएएस नगर-मोहाली के योजनागत ढांचागत विकास को लेकर बुलाई गई पैनल चर्चा में कही।
मनोहर लाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मंच ट्राईसिटी के योजनागत विकास की चर्चा के लिए बुलाया गया था, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह द्वारा ट्राईसिटी के विकास के मुददे पर चर्चा न शुरू करके पानी के मुददे को उठाया गया, जिस पर उन्होंने कहा कि इस पर उन्हें अपना जवाब देना पड़ रहा है।
पंजाब को बड़े भाई का दर्जा देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि पानी के प्रबंधन के लिए दोनों राज्यों पंजाब एवं हरियाणा को मिलकर काम करना होगा।
मनोहर लाल ने कहा कि हांसी-बुटाना नहर से भी दक्षिण हरियाणा के क्षेत्रों को पानी दिया जा सकता है लेकिन पंजाब इस पर एतराज कर रहा है जबकि हांसी-बुटाना नहर से पश्चिमी हरियाणा को मिलना है। इससे दक्षिण हरियाणा के जिलों जैसे नूूंह व महेन्द्रगढ में पानी दिया जा सकता है।
मनोहर लाल ने कहा कि एक प्रकार से पानी का प्रबंधन ही हैं और यह पानी हरियाणा के हिस्से का पानी है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल आयोग ने भी पानी के मुददे का समाधान करने के लिए पग उठाए हैं, लेकिन हरियाणा में पंजाब के मुकाबले कम पानी हैं।
इस मौके पर चण्डीगढ के प्रशासक बीपी बदनौर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह और हरियाणा सुशासन सुधार प्राधिकरण के पूर्व चेयरमैन व सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत प्रो. प्रमोद कुमार ने भी ट्राईसिटी के योजनागत ढांचागत विकास तथा अन्य मुद़्दों के समाधान के संबंध में अपने.अपने विचार रखें।
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