renukaji dam meeting

देश में जल पर्याप्त मात्रा में है, किन्तु कुशल जल प्रबंधन की जरूरत

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण,नौवहन तथा सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, परन्तु कुशल जल प्रबंधन की आवश्यकता है।

रेणुकाजी बांध परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यथाशीघ्र केबिनेट से इसकी मंजूरी प्राप्त करने का प्रयास करेगी।

गडकरी ने कहा कि ऊपरी यमुना बेसिन में निर्मित होने वाले रेणुकाजी बहुउद्देशीय बांध परियोजना के निर्माण के लिए आज नई दिल्ली में छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए।

समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले मुख्यमंत्री थे — उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के अशोक गहलोत, उत्तराखंड के त्रिवेन्द्र सिंह रावत, हरियाणा के मनोहर लाल, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर।

प्रयागराज में नमामि गंगे परियोजनाओं के लिए अनुदान समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

Photo : The Union Minister for Road Transport & Highways, Shipping and Water Resources, River Development & Ganga Rejuvenation, Shri Nitin Gadkari interacting with the media after signing an MoU on Renukaji Dam project with the Chief Ministers of Delhi, Uttar Pradesh, Uttarakhand, Rajasthan, Haryana and Himachal Pradesh, in New Delhi on January 11, 2019. The Minister of State for Parliamentary Affairs, Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Shri Arjun Ram Meghwal, the Minister of State for Human Resource Development and Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Dr. Satya Pal Singh and the Secretary, Water Resources, River Development and Ganga Rejuvenation, Shri U.P. Singh are also seen.

यह समझौता एक नगर, एक संचालक कार्यक्रम पर आधारित है।

नितिन गडकरी की उपस्थिति में समझौते पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अखिल कुमार, उत्तर प्रदेश जल निगम के अनिल कुमार श्रीवास्तव और प्रयागराज वाटर प्राइवेट लिमिटेड के दिलीप पोरमल ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि देश में जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, परन्तु कुशल जल प्रबंधन की आवश्यकता है।

रेणुकाजी बांध परियोजना के समझौते पर हस्ताक्षर को ऐतिहासिक क्षण बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार यथाशीघ्र केबिनेट से इसकी मंजूरी प्राप्त करने का प्रयास करेगी।

उन्होंने कहा कि यमुना नदी पर किसाऊ बहुउद्देशीय परियोनजा विकसित की गई है और जल्द ही समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि लखवार बहुउद्देशीय परियोजना के लिए छह राज्यों के बीच 28 अगस्त, 2018 को समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

मुख्यमंत्रियों को धन्यवाद देते हुए गडकरी ने कहा कि इन परियोजनओं से सभी राज्यों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से यमुना नदी में प्रवाह की स्थिति बेहतर होगी जो कि समय की मांग है।

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा डॉ सत्यपाल सिंह और सचिव यू पी सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

रेणुकाजी बांध परियोजना हिमाचल प्रदेश के सिरमोर जिले में यमुना की सहायक गिरि नदी पर निर्मित की जाएगी।

इस परियोजना में 148 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा तथा इससे दिल्ली व अन्य बेसिन राज्यों को 23 क्यूसेक जल की आपूर्ति की जाएगी।

उच्च प्रवाह के दौरान परियोजना से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बिजली परियोजना का निर्माण हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम द्वारा किया जाएगा। रेणुकाजी बांध की संग्रहण क्षमता 0.404 एमएएफ है और हिमाचल प्रदेश में इस बांध का डूब क्षेत्र 1508 हेक्टेयर है।

बांध निर्माण के पश्चात गिरि नदी के प्रवाह में 110 प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह दिल्ली व अन्य बेसिन राज्यों के जल की जरूरत को पूरा करेगी।

रेणुकाजी बांध परियोजना का जांच कार्य 1976 में प्रारंभ हुआ था परंतु कुछ कारणवश निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया। 2015 के स्तर पर परियोजना की अनुमानित लागत 4596.76 करोड़ रुपये है जबकि सिंचाईध्पेयजल घटक की लागत 4325.43 करोड़ रुपये है।

ऊर्जा घटक की लागत 277.33 करोड़ रुपये है। सिंचाईध्पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत अर्थात् 3892.83 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के द्वारा वहन की जाएगी। शेष 432.54 करोड़ रुपये की राशि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्य वहन करेंगे।

रेणुका जी बांध परियोजना यमुना और इसकी दो सहायक नदियों — टोंस और गिरि पर बनाए जाने वाले तीन संग्रह परियोजनाओं का हिस्सा है। यमुना नदी पर लखावर परियोजना तथा टोंस नदी पर किसाऊ परियोजना, अन्य दो परियोजनाएं है।

लखावर बहुउद्देशीय परियोजना की लागत और लाभ साझा करने के संदर्भ में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के मुख्यमंत्रियों के बीच नितिन गडकरी की उपस्थिति में 28 अगस्त, 2018 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।