वाशिंगटन, 4 मार्च | भारत के विदेश सचिव एस.जयशंकर ने यहां अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार की भारत के बारे में बेहद सकारात्मक सोच है और वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने में दिलचस्पी रखती है। ट्रंप सरकार के अधिकारियों के साथ तीन दिवसीय बैठक के खत्म होने के बाद शुक्रवार को जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा, “हमारे अंदर आशावाद की एक दृढ़ भावना है, वहीं ट्रंप सरकार के पास भी आशावाद की एक दृढ़ भावना है।”
उन्होंने कहा, “भावना निश्चित तौर पर भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने की है।”
जयशंकर ने कहा, “इस संबंध को आगे बढ़ाने को लेकर हमने बेहद सद्भावना तथा दिलचस्पी देखी है।”
अमेरिका में सत्ता में आई नई सरकार के साथ अपने संबंधों को परवान चढ़ाने तथा विदेश नीति के उद्देश्यों को स्थापित करने को लेकर किए गए दौरे के दौरान जयशंकर ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन, वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस, गृह सुरक्षा मंत्री जनरल जॉन केली तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच.आर.मैकमास्टर से मुलाकात की।
उन्होंने कहा कि बैठकों के दौरान व्यापक मुद्दों पर चर्चा हुई, जबकि ये विशिष्ट क्षेत्रों जैसे विदेश, क्षेत्रीय व रणनीतिक मुद्दे, वाणिज्य एवं सुरक्षा पर केंद्रित रहीं।
जयशंकर ने कहा कि एच1-बी वीजा जैसा विवादित मुद्दा भी बैठक के दौरान उठाया गया।
उन्होंने कहा कि भारत ने इस बात से स्पष्ट किया कि ट्रंप की योजना देश में ज्यादा से ज्यादा विनिर्माण को वापस लाने की है, जिसके लिए एच1-बी वीजा पर आने वाले विशेषज्ञ अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास में मदद कर सकते हैं।
जयशंकर ने स्वीकार किया कि ट्रंप सरकार का दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया है, जिसे भारत को ‘स्वीकार करना होगा और नई संभावनाओं की तलाश करनी होगी।’
उन्होंने हालांकि इस बात उल्लेख किया कि अमेरिका की पिछली तीन सरकारों के दौरान नई दिल्ली तथा वाशिंगटन के संबंधों में निरंतरता रही है और संबंधों का विकास हुआ, वहीं नई सरकार भारत को सुरक्षा, सहित कई क्षेत्रों में अच्छा व मजबूत साझेदार के तौर पर देखती है और दोनों की विदेश नीति में समानता है।
उन्होंने कहा, “भारत के साथ विकसित होते संबंधों के प्रति अमेरिकी कांग्रेस का पूरा समर्थन है, जो द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत तथा व्यापक आधार प्रदान करता है।”
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने दोनों पार्टियों के नेताओं से मुलाकात की, जिनमें अध्यक्ष पाउल रयान, प्रतिनिधि सभा की अल्पसंख्यक नेता नैंसी पेलोसी, सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर तथा सीनेटर मार्क वार्नर शामिल हैं। वार्न सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष भी हैं।
यह पूछे जाने पर कि बैठकों में चीन तथा पाकिस्तान का मुद्दा उठा या नहीं, उन्होंने कहा कि टिलरसन तथा केली के साथ बैठक वैश्विक व क्षेत्रीय रणनीतिक हालातों पर केंद्रित रहे तथा अफगानिस्तान व आतंकवाद का मुद्दा भी उठा।
उन्होंने हालांकि कहा कि इन देशों के लिए नीतियों पर फैसला अमेरिका को करना है। –आईएएनएस
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