रांची, 26 मई (जनसमा)। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि बदलते वक्त के साथ यहां के तसर उत्पादकों और तसर को परिधान का रूप देने वालों को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। फैशन के अनुरूप तथा बाजार की मांग के अनुरूप हमें चलना होगा। ताकि झारखण्ड का तसर विश्व पटल पर अपनी पहचान व्यापक रूप से स्थपित कर सके। तसर उत्पादन और बेहतर परिधान बाजार में उपलब्ध करा हम दुनिया में एक मजबूत बाजार बना सकते हैं। रघुवर दास गुरुवार को होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित झारखण्ड फैशन फेस्टिवल के उदघाटन समारोह में बोल रहे थे।
दास ने कहा कि झारखण्ड की धरती पर अलग-अलग राज्यों से आये लोगों का स्वागत है। राज्य सरकार तसर उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृतसंकल्पित है। हर संभव सहयोग राज्य सरकार करेगी। झारखण्ड की टेक्सटाइल नीति बेहतर है। अबतक तीन टेक्सटाइल उद्योग का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। आनेवाले दिनों में और भी निवेश होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 82 प्रतिशत तसर का उत्पादन होता है। लेकिन सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से यहां के कच्चा माल का उपयोग कोई और कर अपनी ब्रांडिंग करता है। झारक्राफ्ट को इस दिशा में कार्य करते हुए एक ब्रांड के रूप में विकसित होना होगा। दास ने कहा कि राज्य में लाह का उत्पादन 62 % होता है। यहां के लाह से बनी चूड़ियां अन्य राज्यों के पहचान से बिकती हैं। इस परिपाटी को हमें बदलना है। इस कार्य हेतु सरकार कार्य कर रही है। राज्य में मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन हो रहा है। इस बोर्ड में 32 हजार गांव की महिलाओं को जोड़ने की पहल होगी। इस तरह करीब 4 लाख 80 हजार महिलाओं को जोड़ने की योजना है। इन महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रशिक्षण पर राज्य सरकार करीब 700 करोड़ रुपए व्यय करेगी।
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