जयपुर, 17 जुलाई। ‘नेशनल कॉउन्सिल फॉर प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज’ द्वारा जल्द ही सिंधी संस्कृति से संबद्ध र एक वेबसाइट बनाई जाएगी। इसमें सिंधी भाषा के माधुर्य और सिंध के गौरव से जुड़े इतिहास से संबंधित महत्वपूर्ण सामग्री डाली जाएगी और निरंतर इसे अपडेट भी किया जाएगा।
राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने बैंग्लोर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत ‘नेशनल कॉउन्सिल फॉर प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज’ द्वारा आयोजित ‘सिंधी संस्कृति के संवद्र्धन में युवाओं की भूमिका’ विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही।
देवनानी ‘नेशनल कॉउन्सिल फॉर प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज’ के राष्ट्रीय सदस्य हैं। उन्हाेंने कहा कि सिंधी भाषा और संस्कृति से युवाओं को जोड़े जाने के लिए परिषद् देशभर में विभिन्न आयोजन करेगी। उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर स्थित सिंधी शोध पीठ के अंतर्गत किए जाने वाले महत्वपूर्ण शोध कार्यों को देशभर के युवाओं में प्रसारित करने के लिए भी कार्य करने की बात कही।
सिंधी में प्रकाशित साहित्य और शोधपरक दूसरी सामग्री को हिंदी एवं अंग्रेजी में अनुवाद के जरिए व्यापक पाठक वर्ग तक पहुंचाने के लिए भी सभी स्तरों पर प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सिंधी भाषा नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति है। नई पीढ़ी इसके महत्व को समझे तथा अपनी संस्कृति की जड़ों को सदा हरा रखे। ‘नेशनल कॉउन्सिल फॉर प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेज’ के निदेशक डॉ. रवि टेकचन्दानी ने बताया कि सिंधी भाषा और संस्कृति से युवाओं को जोड़े जाने के लिए परिषद् देशभर में विभिन्न आयोजन करेगी।
हेमु कालानी के के चित्र का अनावरण :
देवनानी ने संगोष्ठी में शहीद हेमू कालानी के चित्र का अनावरण भी किया। उन्होंने कहा कि हेमु कालानी सहित राजस्थान की पाठ्य पुस्तकों में 250 से अधिक शहीदों, वीर-वीरांगनाओं, महापुरूषों के पाठ जोड़े गए हैं। उद्देश्य यही है कि युवा पीढ़ी उनके जीवन से प्रेरणा ले सके।
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