नई दिल्ली, 13 दिसंबर | अपनी सुडौल काया के बलबूते दर्शकों को अपनी मादक अदाओंे से आहें भरने पर मजबूर कर देने वाली अभिनेत्रियों से अलग प्रतिभाशाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर को यह कहने में कोई हिचक नहीं कि सुडौल, छरहरी बाहें पाना उनके लिए एक अभिनेत्री के तौर पर हमेशा बड़ी चुनौती है। हालांकि, उनका मानना है कि सुडौल काया अच्छी प्रस्तुति की गारंटी नहीं होती।
स्वरा ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, “बेशक हम सब अभी भी सुडौल काया पसंद करते हैं, लेकिन दर्शक अब इस विचार से छिटकते जा रहे हैं कि सुडौल काया और खूबसूरत दिखने वाले लोग ही बढ़िया कहानी, पटकथा, और प्रदर्शन का विकल्प हो सकते हैं।”
फिल्म ‘निल बट्टे सन्नाटा’ में एकल मां के रूप में प्रभावशाली अभिनय कर बतौर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री स्टार स्क्रीन अवार्ड्स 2016 (क्रिटिक्स च्वाइस) पाने वाली सांवली सलोनी स्वरा कहती हैं कि लंबे अर्से के बाद अब इस सोच में बदलाव आया है और सामान्य पृष्ठभूमि के लोग भी फिल्म जगत में कदम रख रहे हैं।
जाने-माने सामरिक विश्लेषक सी. उदय भास्कर और फिल्म अध्ययन की प्रोफेसर इरा भास्कर की बेटी को लगता है कि भारतीय फिल्म उद्योग परंपरागत मान्यताओं से अलग अब नए चेहरों और भावपूर्ण अभिनय करने वाले कलाकारों को ज्यादा तवज्जो दे रहा है।
स्वरा ने कहा कि फिल्मकारों को नए चेहरे, नए कलाकारों और अभिनय प्रतिभा की जरूरत है और नए कलाकार उम्दा अभिनय कर रहे हैं। मराठी फिल्म ‘सैराट’ में कोई बड़ा कलाकार न होने के बावजूद फिल्म ने बढ़िया प्रदर्शन किया।
अभिनेत्री ने कहा कि छोटी भूमिकाओं से बड़ी भूमिकाओं को निभाने तक का सफर उनके लिए विशेष अनुभूति है।
स्वरा कहती हैं कि सभी ने उन्हें ‘निल बट्टे सन्नाटा’ नहीं करने की सलाह दी थी और वह खुद भी एक मां की भूमिका निभाने को लेकर पसोपेश में थी, लेकिन फिल्म की सफलता ने उन्हें भविष्य में और भी कई चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को स्वीकारने के लिए प्रोत्साहित किया है।
फिलहाल स्वरा शहरी कॉमेडी और रिश्तों की उलझन पर आधारित निर्देशक गौरव सिन्हा की एक अनाम फिल्म को लेकर उत्साहित हैं। इस फिल्म की शूटिंग करना वह मजेदार मानती हैं। स्वरा फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ में भी नजर आने वाली हैं। –आईएएनएस
(फाइल फोटो )
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