नई दिल्ली,30 जून (जनसमा)। फेसबुक चैट के जरिए लोगों से बातचीत के संदर्भ में सरकार ने स्पष्ट किया है कि दुर्भाग्य से मंत्री मेनका संजय गांधी की प्रतिक्रिया को संदर्भ से अलग कर आंका गया है। महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा मंत्री ने हमेशा देश के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की हिमायत की है।
ऑनलाइन मंच पर लोगों से संपर्क बनाने के लिए महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने 29 जून, 2017 को लाइव फेसबुक चैट के जरिए लोगों से बातचीत की। इस दौरान लगभग 2 लाख लोगों से 700 से अधिक प्रश्न प्राप्त हुए।
बातचीत के दौरान एक व्यक्ति ने पूछा , ‘प्रश्न- हमारी सरकार पुरूषों में उच्च आत्महत्या की दर को कम करने के लिए क्या कर रही है, जिनमें से अधिकतर आत्महत्याओं का कारण महिला केंद्रित पक्षपाती लैंगिक कानून है?’
इस प्रश्न के उत्तर में मेनका संजय गांधी ने कहा, ‘किन पुरूषों ने आत्महत्या की है ??? आत्महत्या करने की बजाय समस्या का समाधान खोजने की कोशिश क्यों न की जाए- मैंने ऐसे किसी भी मामले के बारे में सुना/पढ़ा नहीं है।’ हालांकि मीडिया की खबरों में प्रश्न के संदर्भ को छोड़कर उनके वक्तव्य को गलत तरीके से पेश किया गया। प्रश्न लैंगिक पक्षपात आधारित कानूनों के कारण होने वाली आत्महत्याओं के संदर्भ में था।
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