Guru Nanak

जब गुरू नानक देव जी ने बाबर को फटकार लगाई

Nanak

बाबर को फटकार लगाने वाली गुरू नानक देव जी की पेंटिंग

‘‘ तूं बाबर नहीं,जाबर है’’ यानी जानवर है। यह फटकार गुरू नानक देव जी ने बाबर को लगाई थी।

यह सन् 1520 की बात है। उस दिन गुरू नानक देव जी ने सैदपुर अैमनाबाद में बाबर की कड़ी निन्दा की थी।

बाबर ने अैमनाबाद में कत्ले आम मचाया था और सैंकड़ो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।

इससे संबंधित एक पेंटिंग गुरद्वारा सीसगंज के सामने सिख म्युजियम में देखी जा सकती है।

ऐसे निडर और महान् गुरू को श्रद्धा समर्पित करते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती शानदार तरीके से मनाने का निश्चय किया है।

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में गुरूवार 22 नवंबर को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती अगले वर्ष शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दे दी है।

राज्य सरकारों और विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ समारोह मनाए जाएंगे। गुरु नानक देवजी की प्रेम, शांति, समानता और भाईचारे की शिक्षाओं का शाश्वत मूल्य है।

मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की निम्नलिखित विशेषताएं हैं : –

करतारपुर साहिब गलियारे का विकास  :

एक महत्वपूर्ण फैसले में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण और उसके विकास को मंजूरी दे दी।

इसके बाद  भारत से तीर्थ यात्री आसानी से पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जा सकेंगे जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे।

करतारपुर गलियारे का कार्य सरकार की सहायता से एक संयुक्त विकास परियोजना के रूप में किया जाएगा ताकि सभी आधुनिक सुविधाओं वाले इस मार्ग से तीर्थ यात्री सुगमता और सरलता आ-जा सकें।

सरकार तीर्थयात्रियों की आसानी के लिए उपयुक्त सुविधाएं देगी।

पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया गया है कि वह सिख समुदाय की भावनाओं को समझे और उचित सुविधाओं के साथ अपने क्षेत्र में भी एक गलियारा विकसित करे।

सुल्तानपुर लोधी का विकास  :

केन्द्रीय मंत्रिंमडल ने यह भी फैसला किया कि गुरुनानक देवजी के जीवन से जुड़े ऐतिहासिक शहर सुल्तानपुर लोधी को भी ऊर्जा दक्षता सहित स्मार्ट सिटी की तर्ज पर एक धरोहर शहर विकसित किया जाएगा।

गुरुनानक देवजी सदैव प्रकृति की निरंतरता और उससे प्रेम करने पर जोर देते थे।

तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण के रूप में, सुल्तानपुर लोधी में एक धरोहर परिसर, “पिंड बाबे नानक दा” की स्थापना की जाएगी जिसमें उनके जीवन को दर्शाया जाएगा।

सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन का आधुनिकीकरण किया जाएगा और उसे सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा।

अंतर संप्रदाय अध्ययन केंद्र और विदेशी विश्वविद्यालयों में पीठ :

गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में अंतर मत अध्ययनों का एक केन्द्र स्थापित किया जाएगा।

ब्रिटेन और कनाडा की एक-एक यूनिवर्सिटी में गुरुनानक देवजी की एक पीठ स्थापित की जाएगी।

उनकी जीवन और शिक्षाओं पर नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जाएगा।

देश-विदेश में समारोह :

राज्य /संघ शासित प्रदेशों से आग्रह किया गया है कि वे गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती को शानदार तरीके से मनाएं।

विदेशों में भारतीय दूतावास इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

स्मारक सिक्का और डाक टिकट :

सरकार इस यादगार अवसर पर स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी करेगी।

धार्मिक कार्यक्रम और प्रकाशन :

देशभर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

दूरदर्शन गुरु नानक देवजी पर कार्यक्रम और गुरुवाणी का प्रसारण करेगा।

नेशनल बुक ट्रस्ट विभिन्न भारतीय भाषाओं में गुरुवाणी का प्रकाशन करेगा।

यूनेस्को से अनुरोध किया जाएगा कि वह दुनिया की भाषाओं में गुरु नानक देवजी की रचनाओं को प्रकाशित करे।

तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष ट्रेन :

रेल मंत्रालय तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के लिए एक ट्रेन चलाएगा जो गुरु नानक देवजी से जुड़े विभिन्न धार्मिक स्थलों से गुजरेगी।