नई दिल्ली, 08 अप्रैल (जनसमा)। शुक्रवार को नई दिल्ली में आयोजित हुए 64वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार को बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला। अपने 25 साल के करियर में अक्षय कुमार का यह पहला अवॉर्ड हैं। इससे पहले उन्हें ना तो कोई फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला हैं ना ही कोई नेशनल अवॉर्ड। पीटीआई की एक रिपोर्ट में हाल ही में अक्षय कुमार ने कहा था की शायद वह नेशनल अवॉर्ड पाने के योग्य नहीं हैं। लेकिन 2016 में आई उनकी फिल्म ‘रुस्तम’ नें उन्हें इस बार राष्ट्रीय पुरस्कार का हकदार बनाया।
शुक्रवार को जैसे ही नेशनल फिल्म अवॉर्ड जूरी ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर अक्षय कुमार का नाम लिया, तो पहले बधाइयों और फिर ट्विटर पर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया। ऐसे में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जूरी के अध्यक्ष फिल्ममेकर प्रियदर्शन अक्षय कुमार को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने के फैसले का पक्ष रखते नजर आए। फिल्म ‘हेरा फेरी’ के डायरेक्टर प्रियदर्शन का कहना है कि अक्षय को यह पुरस्कार उनकी फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ और ‘रुस्तम’ की परफॉर्मेंस के लिए दिया गया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई को प्रियदर्शन ने कहा कि किसी ने तब यह सवाल क्यों नहीं उठाए थे जब पिछले साल अमिताभ बच्चन को उनकी फिल्म ‘पीकू’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया और वह इस जूरी को हेड करने वाले डायरेक्टर रमेश सिप्पी के नजदीक हैं।
प्रियदर्शन ने इस साल चुने गए अक्षय कुमार पर उठाए जा रहे सवालों पर पीटीआई को बताया, ‘मैंने सब सुना है और मैं इस सब का जवाब दूंगा। जब रमेश सिप्पी इस जूरी के हेड थे तब अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार मिला। जब प्रकाश झा इस जूरी के अध्यक्ष थे, तब अजय देवगन को यह पुरस्कार मिला था। तब किसी ने इसपर सवाल क्यों नहीं किए, तो अब यह सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं।’
(फाइल फोटो)
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