हरियाणा सरकार ने मोरनी क्षेत्र को ऑर्गेनिक क्लस्टर बनाने तथा जड़ी-बूटियों के लिए एक विश्व स्तरीय नर्सरी स्थापित करने की घोषणा की है।
मोरनी हरियाणा राज्य के पंचकुला जिले में 1,267 मीटर की ऊँचाई पर मोरनी हिल्स में एक गाँव और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।
मोरनी, चंडीगढ़ से लगभग 45 किलोमीटर तथा पंचकुला शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित है और हिमालयी क्षेत्र की वनस्पतियों के लिए जाना जाता है।
पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र में हरियाणा वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के सहयोग से स्थापित विश्व औषधीय वन परियोजना का बुधवार को लोकार्पण किया गया।
इसका उद्देश्य प्रदेश में आयुर्वेद व हर्बल औषधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
इसके लिए हरियाणा हर्बल कारपोरेशन के गठन करने की भी घोषणा की। हरियाणा हर्बल कारपोरेशन प्रदेश में स्थापित किये जा चुके हर्बल पार्कों की देख-रेख करेगा।
मोरनी में विश्व औषधीय वन परियोजना का लोकार्पण करने उपरांत मुख्यमंत्री ने बुधवार को यह घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने पतंजलि योगपीठ के अनुसंधानकर्ताओं को मोरनी में रहने के लिए स्थान उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया।
उन्होंने कहा कि अनुसंधानकर्ताओं ने मोरनी क्षेत्र में 53 नई जड़ी-बूटियों की प्रजातियों की भी खोज की है और अब तक वन विभाग के रिकार्ड में जड़ी-बूटियों की 1062 प्रजातियां ही दर्ज थी, जो अब बढक़र 1115 हो गई हैं।
इन नई जड़ी-बूटियों से मोरनी क्षेत्र का नाम न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में जाना जाएगा।
समारोह में राज्य के मंत्रियों के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित तीन पुस्तकों नामत: फलोरा ऑफ मोरनी हिल्स, विजिटेटिव सर्वे ऑफ मोरनी हिल्स तथा मोरनी क्षेत्र के महत्वपूर्ण औषधीय पादप का विमोचन किया।
पिछले तीन वर्षों से इस परियोजना पर कार्य कर रहे वन विभाग व पतंजलि योग पीठ के वैज्ञानिकों के कार्य की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी में वर्ल्ड हर्बल फोरेस्ट स्थापित करने की उनकी परिकल्पना को क्रियान्वित किया गया है।
इस अवसर पर हरड़ वाटिका का उदघाटन भी किया। पतंजति योगपीठ द्वारा मोरनी क्षेत्र में कुल 125 वाटिकाओं को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से अब तक 65 वाटिकाएं विकसित की जा चुकी हैं।
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