नई दिल्ली, 14 जून (जनसमा)| विश्व सूचना सोसाइटी साइबर अपराधियों को रोकने में मदद करे। यह बात संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने जिनेवा में होरहे विश्व सूचना सोसाइटी सम्मेलन में कही। मनोज सिन्हा जिनेवा में 12-16 जून 2017 तक आयोजित किए जा रहे विश्व सूचना सोसाइटी सम्मेलन, डब्लूएसआईएस फोरम- 2017 की बैठक के लिए एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
सिन्हा ने डार्कनेट, डार्कवेब्स और अन्य उपकरणों के माध्यम से आतंकवादियों और साइबर अपराधियों द्वारा आईसीटी के दुरुप्रयोग को रोकने में आईटीयू से नेतृत्व करने के लिए कहा। वे जिनेवा में आयोजित विश्व सूचना सोसाइटी सम्मेलन, डब्लूएसआईएस फोरम- 2017 में बोल रहे थे।
सिन्हा ने 2018 के अंत तक देश में विकसित गीगाबाइट पेसिव ऑप्टिकल नेटवर्क के जरिए 250 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य वाली महत्वाकांक्षी भारत नेट परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। महत्वाकांक्षी डिजिटल कनेक्टिविटी परियोजना विश्व की सबसे बड़ी कनेक्टिविटी परियोजना है।
भारत की आधार के माध्यम से सीधे लाभ हस्तांतरण, भीम के माध्यम से ई-भुगतान सुविधा, राष्ट्रीय डिजिटल साक्षरता मिशन का उपयोग और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस मंच, एम-गवर्नेंस, सरकारी ई-मार्केट प्लेस जैसी सफलता की कहानी के बारे में भी उन्होंने प्रकाश डाला।
नागरिक केंद्रित सेवाएं सुनिश्चित करने में डिजिटल इंडिया की सफलता की कहानी और ज्ञान आधारित समाज का निर्माण करने में इसकी भूमिका के बारे में उन्होंने अपने संबोधन में विशेष रूप से उल्लेख किया है।
अनेक देशों और संगठनों ने शासन की परम्परागत प्रणाली से शासन की डिजिटल प्रणाली में लंबी छलांग लगाने के लिए भारत द्वारा अपनाई गई प्रौद्योगिकियों को समझने के लिए दिलचस्पी जाहिर की।
भारत और अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए मनोज सिन्हा ने आईटीयू के महासचिव श्री हौलीन झाओ और आईटीयू के उप महासचिव माल्कम जॉनसन के साथ मुलाकात की।
आईटीयू ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने और आधार, डिजिटल वित्तीय सेवाओं जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का अध्ययन करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई।
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