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दिल्ली सरकार ने मंजूर की यमुना जल संरक्षण परियोजना

दिल्ली कैबिनेट ने यमुना जल संरक्षण (Water conservation) परियोजना  को मंजूरी दे दी है।

इस जल संरक्षण परियोजना से मौजूदा वक्त में पानी की कमी को दूर करने के साथ-साथ भविष्य के जल संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री (Chief Minister) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यमुना नदी के  बाढ़ के मैदानों (Water conservation in the Yamuna River Floodplains) में जल संचयन  (Water conservation) की एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी।

केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने यमुना फ्लड प्लेन में यमुना के जल संरक्षण (Water conservation) परियोजना की बहुत बड़ी योजना बनाई है।

उन्होंने कहा कि आने वाले बारिश के दिनों में यमुना फ्लड प्लेन में जल संरक्षण (Water conservation)  कर ग्राउंड वाटर रिचार्ज का काम शुरू कर दिया जाएगा।

कंसल्टेंट्स और आईआईटी की रिपोर्ट इस ओर संकेत करती हैं कि इस जल संरक्षण (Water conservation) परियोजना में बहुत व्यापक संभावनाएं हैं।

यमुना का फ्लड प्लेन बहुत बड़ा है। इसमें बहुत पानी संचयन की क्षमता है। ऐसा करके दिल्ली का जल संकट दूर किया जा सकता है।

इस बार हम छोटे स्केल पर शुरू करेंगे। इसकी स्टडी के आधार पर अगले साल इसे पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।श्

मुख्यमंत्री ने बताया कि इसमें पल्ला से लेकर वजीराबाद तक के स्ट्रेच के किनारों पर जल संरक्षण (Water conservation)  किया जाएगा। ये पूरी तरह इको फ्रेंडली होगा। इसमें कोई सीमेंट का स्ट्रक्चर नहीं होगा।

उन्होंने बताया कि इसमें छोटे.छोटे पॉन्ड्स बनाये जाएंगे। इन पॉन्ड्स में जब रेगलुर यमुना का फ्लो होगा, तब पानी नहीं पहुंचेगा।

बारिश के दिनों में जब यमुना ओवर फ्लो करती है, तब ये ओवर फ्लो वाला पानी इन पॉन्ड्स में जाएगा। जब ये पानी यहां थोड़ी देर ठहरेगा, तब नीचे परकुलेट हो जाएगा।

जब पानी यमुना में बहता है तो उसे नीचे परकुलेट होने का टाइम नहीं मिलता लेकिन जब उन पॉन्ड्स में पानी थोड़ी देर ठहरेगा तो नीचे परकुलेट होता जाएगा।

इस बार हमें परकुलेशन का रेट पता चल जाएगा। ये पानी नीचे कितनी दूर तक जाएगा ये भी हमें पता चल जाएगा।

मुख्यमंत्री ये भी कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर हमें केंद्र सरकार की कुछ मंजूरी चाहिए। पिछले हफ्ते हमने प्रस्ताव भेजा था। मैं खुद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मिलकर आया था।

इस जल संरक्षण परियोजना को लेकर वह बहुत सकारात्मक थे। हमने उसने निवेदन किया था कि बारिशें आनी वाली हैं इसलिए इस प्रस्ताव पर जल्दी निर्णय ले लिया जाए।

उन्होंने भी आश्वासन दिया था कि इस पर जल्दी निर्णय ले लिया जाएगा। हमें उम्मीद है कि इस प्रोजेक्ट पर हमें जल्दी ही केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी।

इसके अलावा हमें जहां जल संरक्षण (Water conservation)  करना है, वह जमीनें किसानों की हैं। दिल्ली सरकार किसानों की जमीनें किराये पर लेगी।

ये किराया तय करने के लिए हमने पांच अफसरों की एक कमेटी बना दी है। ये कमेटी सोमवार तक अपनी रिपोर्ट दे देगी। मैं उम्मीद करता हूं कि बारिशों से पहले हम इसका पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू कर पाएंगे।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें हमें केवल पॉन्ड्स बनाने हैं। यमुना फ्लड प्लेन बहुत बड़ा प्राकृतिक जलाशय है। अगर आप सीमेंट का इतना बड़ा जलाशय बनाएंगे तो उसमें हजारों करोड़ रुपये लगेंगे। इस प्रोजेक्ट में हमें केवल गड्ढे खोदने हैं। पॉन्ड्स में पानी आएगा और रुकेगा और फिर परकुलेट हो जाएगा।

ये पानी बिना पाइप लाइन नीचे ही नीचे शहर में कई किमी तक चला जाएगा। इसके बाद हमें जहां.जहां पता चलेगा कि पानी रुकेगा, वहां हम बोरवेल करके पानी निकाल लेंगे।

दिल्ली कैबिनेट के एक अन्य अहम फैसले के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश है कि दिल्ली सरकार की सभी बिल्डिंग्स के ऊपर रेन वाटर हार्वेस्टिंग (rain water-harvesting )स्ट्रक्चर बन जाएं।

इसके अलावा जिन बिल्डिंग्स पर पहले से ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर हैं, उनकी सफाई हो जाए और वे ऑपरेशनल हो जाएं, इस संबंध में हमने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश जारी कर दिये हैं।श्

 

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