लखनऊ, 13 मई (जनसमा)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि है राज्य की अधिकांश आबादी आर्थिक रूप से कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य पालन और सहकारिता को प्रोत्साहित कर किसानों की आमदनी दोगुनी करने का काम शुरु किया गया है।
उन्होंने प्रदेश में स्थापित होने वाले 20 नये कृषि विज्ञान केन्द्रों के लिए भूमि उपलब्ध कराने की जानकारी देते हुए कहा कि अब इन केन्द्रों की स्थापना का कार्य तेजी से शुरु किया जाए, जिससे इनका लाभ क्षेत्रीय किसानों को मिल सके।
योगी आदित्यनाथ सोमवार को यहां लोक भवन में केन्द्रीय कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह के साथ कृषि, सहकारिता, पशुपालन एवं मत्स्य सम्बन्धी योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पहले से स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यहां तैनात वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को कहीं अन्यत्र तैनात न किया जाए। उन्होंने प्रमुख सचिव, कृषि को निर्देशित किया कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता का बीज उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों, किसान विकास केन्द्रों तथा बीज निगमों से ही प्रजनक बीजों की खरीद्दारी को प्राथमिकता दी जाए।
योगी ने विगत कुछ वर्षों में किसानों एवं कृषि की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। प्रदेश के किसानों विशेष रूप से बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई, भण्डारण एवं विपणन की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध न कराए जाने के कारण इन क्षेत्रों में उत्पादकता का स्तर काफी कमजोर है। इस वर्ष बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा के लिए 3,384 खेत तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना को प्रभावी रूप से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत राज्य की 66 मण्डियों को ऑनलाइन जोड़ने का प्रयास तेज किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृषि बाजार के पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में भी इण्टर मण्डी टेªड के तहत जोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाते हुए किसानों को पंजीयन शुल्क आदि में पर्याप्त राहत प्रदान करने पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है।
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