Sadguru

युवा 3 साल नदियों को बचाने के अभियान को समर्पित करें

भोपाल, 24 सितम्बर (जनसमा)। सदगुरू जग्गी वासुदेव ने कहा है कि मिट्टी और पानी का कम होना सबसे खतरनाक है। उन्होंने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि हर राज्य से सौ समर्पित युवा अगले तीन सालों के लिये नदियों के बचाने के अभियान के लिये स्वयं को समर्पित करें। यह न सोचे कि मेरा क्या होगा।

सदगुरू जग्गी वासुदेव शनिवार को यहाँ मुख्यमंत्री निवास में  नदी  बचाओ अभियान के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होने कहा कि उनमें बडा परिवर्तन होगा। समर्पित युवा सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर नदियों को बचाने का काम करेंगे। नदियों को बचाने के इस अभियान का नेतृत्व सदगुरू स्वयं करेंगे।

जग्गी वासुदेव ने युवाओं का आव्हान किया कि वे अपने अपने राज्यों में पैदल, साइकिल, बाइक आदि से नदियों को बचाने के लिये रैली निकालें। आज दुर्भाग्य यह है कि हम स्वयं नदियों और पर्यावरण विनाश में कहीं न कहीं भागीदार हैं।

सदगुरू ने 35 साल पहले हुई अलौकिक अनुभूति की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि यदि नदियों को बचाने का काम अभी शुरू नहीं किया गया तो कई दशकों की मेहनत ज्यादा लगेगी।

उन्होने कहा कि नदी बचाने का अभियान अब राष्ट्रीय अभियान बन चुका है। इसे बच्चों, मीडिया और सैन्य बलों का समर्थन मिला है।

उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत प्रयासों से केवल आत्मसंतुष्टि मिलेगी लेकिन समाधान नही। इसलिये पर्यावरण की सुरक्षा, मिट्टी और पानी की सुरक्षा करना जरूरी है।

उन्होने कहा कि पहली बार भारत में ऐसा हो रहा है कि नदियों के संरक्षण के अभियान को सभी राज्यों का पूरा पूरा समर्थन मिल रहा है। सभी राजनैतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। अब सरकारों के साथ साथ लोगों को भी इस काम के लिये एक जुट होना पडेगा।

सदगुरू ने कहा कि जनता का नदियों को पुनर्जीवन देने वाली नीति बनाने के लिये समर्थन मिलना चाहिये ताकि आने वाली सरकारें लोगों के समर्थन और संकल्प को याद रखें और जनता के दबाव में इस दिशा में काम करें। सदगुरू ने कहा कि मुख्यमंत्री के इरादे नेक हैं और उददेश्य नेक हैं।

उन्होने कहा कि नदियों के लिये पहली बार विज्ञान और राजनीति का संगम करने जा रहे हैं। उन्होने कहा कि आज दुर्भाग्य यह है कि हम स्वयं नदियों और पर्यावरण विनाश में कहीं न कहीं भागीदार हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा  कि नदी बचाओ अभियान की शुरूआत देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश की जनता ने की थी। प्रदेश में नर्मदा सेवा यात्रा पाँच माह और पाँच दिन तक आयोजित की गयी।