दिल्ली (Delhi) सरकार के स्कूलों (Schools) में एक अप्रैल से जीरो पेपर वर्क (Zero paper work ) लागू किया जाएगा। परीक्षा परिणाम भी ऑनलाइन (टैबलेट पर) अपलोड और रखरखाव किए जाने हैं। हम परीक्षा परिणामों को भी कागजी कार्रवाई से दूर रखेंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री (Education Minister) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अध्यक्षता में आयोजित उप निदेशक शिक्षा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की आज 12 मार्च,2020 को हुई बैठक में यह निर्देश दिया गया।
बैठक में डिप्टी सीएम सिसोदिया ने विभाग के डिप्टी डाॅयरेक्टरों से कहा कि भारत में पहली बार शिक्षा (Education) को महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे के रूप में देखा गया है। ये समय शिक्षा (Education) क्रांति को साकार करने का है। हमारे पास एक शानदार समर्पित टीम है और हमे अगले पांच साल कड़ी मेहनत करनी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल (Education Model) को दुनिया भर में पहचान मिल रही है और दूसरे राज्यो और देशों के लोग इसे देखने और समझने के लिए आ रहे है। इसलिए हमें अपने अनुभवों को उनके साथ बांटते समय अहंकार नही करना है। साथ ही हमें अपने शिक्षा मॉडल को और मजबूत करने के लिए उन से भी सीखना होगा।
सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा (education) , विकास की दिशा में हमारा रास्ता है और यही कारण है कि हम सभी दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इतने गंभीर हैं।
उन्होंने कहा कि डीडीई को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके क्षेत्र में प्रत्येक शिक्षक के हाथ में टैबलेट होने चाहिए और उन्हें बताया जाना चाहिए कि छात्रों की उपस्थिति को कैसे रखनी है और परीक्षा का रिकाॅर्ड को कैसे बनाएं।
उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से प्रत्येक स्कूल में उपस्थिति को टैबलेट पर दर्ज किया जाना चाहिए। मुझे जीरो पेपर-वर्क चाहिए। शिक्षकों द्वारा अनुभाग-वार उपस्थिति को दर्ज किया जाना चाहिए।
डिप्टी डायरेक्टरों को कक्षाओं में उपस्थित छात्रों की संख्या के बारे में हर रोज़ पता होना चाहिए और उस पर नजर रखना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक डिप्टी डायरेक्टर को कक्षा में भाग लेने वाले छात्रों की संख्या के बारे में रोजाना सुबह 9ः00 बजे तक प्राप्त हो जानी चाहिए।
सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए- डिप्टी सीएम श्री सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि शिक्षा (Education) विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों को स्कूलों और कक्षाओं में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना पर नजर रखनी होगी।
साथ ही इस पर नजर रखें कि अभिभावकों को पासवर्ड प्रदान किया गया है या नहीं। माता-पिता को पासवर्ड प्रदान किया जाए, जहां सीसीटीवी लगाए गए हैं, ताकि वे अपने बच्चे की क्लास को देख सकें।
अप्रैल 2020 के अंत तक प्रत्येक स्कूल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं
सिसोदिया ने कहा कि जोन और निदेशालय स्तर पर विडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधाएं आसानी से पहुंचाना सुनिश्चित करें। हर स्कूल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए, ताकि डीडीई और एचओएस व उनके वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ऑनलाइन आयोजित की जा सके।
यह बैठक के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाने में लगने वाले समय की बचत करेगा।
उन्होंने डीडीई को अपने क्षेत्रों के भीतर स्कूल भवनों, बाउंड्री वॉल, गेट और नेम प्लेट के सौंदर्यीकरण में सुधार लाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डीडीई क्षेत्र के स्कूलों में सफाई कर्मचारी और एस्टेट मैनेजर अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि प्रत्येक डीडीई सुनिश्चित करें कि उनके स्कूलों का प्रत्येक स्टाफ प्रशिक्षित हो। हैप्पीनेस क्लासेस और एंटरप्रेन्योरशिप क्लासेज का नियमित रूप से निगरानी की जाए।
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